गुरुवार, 27 अक्तूबर 2011

आसमान में लाखो तारे एक मगर ढूंढे ना मिला !






आसमान में लाखो तारे एक मगर ढूंढे ना मिला !
देख के दुनिया की दीवाली दिल मेरा चुपचाप जला!!
ये दीवाली रौशनी के लिए थी या प्रदुषण के लिए !
दमा के रोगियो को कितनी तकलीफ हुए होगी ये उनसे बेहतर कोन जन सकता है. साथ ही कितने अरबो खरबों किट पतंगों की हत्या हम सभी ने पिछले तीन दिन में देर्शारी रौशनी करके कर दी इसकी रिपोर्ट खा दर्ज होगी कोई मार्गदर्शन करेगा?
प्रगति विज्ञानं संस्था ने जिला विज्ञानं क्लब के साथ पिछले चार दिन का डाटा गाँव और शहर की तुला करते हुए लिया .
स्थान २७ २६ २५ २४अक्तूबर
मेरठ .५ .५ १.०० १.५
मेरठ के गाँव १.५ १.५ २.५ २.४
टीम के साथी - अंजू-मुरलीपुर , रोहित अब्दुल्लापुर , आवेश शहजादपुर शहर से रियाजुद्दीन
दीपक शर्मा के नेत्रत्व में.
ये सभी आकडे साय ७.३० बजे लिए गये .
साथ ही आज जुपिटर जो बेहद चमक के साथ दीखता है वो भी दीवाली की चका चौंध में अपनी चमक खो चूका है मेरठ से इसका आज फोटो लिया गया.
फोटो में दिख रहे बच्चे अपनी दीवाली को यादगार बनान्क चाहते थे लकिन प्रदूषण ने उनकी इस इच्छा को धूमिल कर दिया !
दीपक sharma

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