सोमवार, 7 नवंबर 2011


पृथ्वी और चन्द्रमा के बिच से गुजरेगा एक उल्का पिंड
जी हा ९ नवम्बर को सुबह ४ बजकर ५८ मिनट पर पृथ्वी के सबसे नजदीक से २००५वाए ५५ नाम का एक उल्का पिंड जो ४०० मीटर चौड़ा है एक एयरक्राफ्ट जितना लंबा पृथ्वी के बेहद करीब यानि ३लाख २४ हजार छ:सो किलोमीटर दुरी से निकल जायेगा. हलाकि ये पहले भी केई बार पृथ्वी के नजदीक से निकल चूका है. पर ये पहली बार है जब विज्ञानिको को इसका पहले ही पता चल गया .शोध करने वालो को यह एक अच्छा अवसर मिला है. अमेचर खगोल वज्ञानिक ११ मग्नेतुड की चमक वाले इस आकाशीय पत्थर का फोटो खीच सकते है.इसे पूरब दिशा में ७० डिग्री पर इसे गुजरते हुए देखा जा सकता है
२०२९ में यह शुक्र से एक लाख पिचेह्त्र हजार किलोमीटर दूर से और २०४१ में पृथ्वी से मात्र दो लाख किलोमीटर पास से निकल जायेगा. हलाकि अभी इसके पृथ्वी से टकराने के कोई आसार नजर नहीं आते परन्तु जिस प्रकार इसकी दुरी घाट रही है इससे इंकार नहीं किया जा सकता है.
दीपक शर्मा

रविवार, 6 नवंबर 2011






केला स्वस्थ्य कर रहा है या फिर बना रहा है रोगी ?
केले को हम सभी बड़े चाव के साथ खाते है पर इसके पकने के तरीके को देख कर शायद आपो भी अब केला खाने से खौफ खाने लगेंगे. मेने एक केले के थोक व्यापारी के जो कुछ देखा विश्वाश नहीं हो रहा था. पोधो को बढ़ने के लिए इस्तेमाल होने वाली इथेफोंन हेतोंन का प्रयोग केले को पकाने में प्रयोग हो रहा है. इस पर साफ लिखा है यह एक जहर है और बच्चो से इसे दूर रखे. हम केले को बिना धोये ही छिलते है और खाते है.और वह जहर थोड़ी थोड़ी मात्र में हमारे शारीर में जाता रहता है जो हमारी दीमाग की नशोको प्रभावित करता है तथा दिमाग की खतरनाक बिमारिय हमें दे जाता है. इससे बचने का एक ही तरीका है की केले या इस तरह से पकने वाले केले को बाल्टी के पाने खूब धोकर ही खाए.
दीपक शर्मा
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