आज बेहद दुखी हु तिनका तिनका कर इकठा किया जा रहा विज्ञानं संचार का सामान आज पांचवी बार अपने कच्चे लालच में तहसनहस कर दिया ! सबकुछ ले गये और जो बचा उसे तोड़ कर नष्ट कर दिया . अनुमान के तौर पर लगभग ४० से ५० हजार रूपये का नुकसान हुआ है.वह पाए गये सिगरेट के टुकड़े से लगता है की उसी ने पिछली बार भी चोरी की थी. चोरी के क्रम को देखे तो सबसे पहली चोरी ७ नोवंबर २०१० में देवाली की रात में हुई थी.उसके बाद काफी लम्बे समय बाद बिजली आ जाने के बाद १० अक्तूबर को टेल तोड़ने की कौशिश और बहार लगे बल्ब को तोड़ दिया.तीसरी बार १४ अक्तूबर को ताले दरवाजो और काफी सामान के साथ ही ट्रांसफार्मर को भी ले गये थे चौथी बार ३१ दिसम्बर की रात को ताले तोड़कर बस रात ही बितायी अब जब ट्रांसफार्मर को दुबारा लगाने गये तो आज पता चला ताले ही नहीं बल्कि दरवाजे भी तोड़ दिए जिनमे अब ताला भी नहीं लगाया जा सकता .
खैर अब इसकी जानकारी खरखौदा पोलिस चौकी को दे दी गयी है
काश इन चोरो को कोई समझाये की अपने थोड़े से लालच के लिए इतनी बेशकीमती सामान को नस्त ना करे.